श्री हित प्रेमानंद महाराज जी का कहना है कि जिस
व्यक्ति का चरित्र खराब होगा। अर्थात जो व्यक्ति
चरित्रहीन होगा। वो कभी भी सच्चे प्रेम को प्राप्त
नहीं कर सकता है। इसलिए हमें अपने चरित्र को
खराब नहीं करना चाहिए। हमें हमेशा धर्म उचित
मार्ग पर ही चलना चाहिए। हमें कभी भी चरित्रहीन
नहीं बनना चाहिए। हमें हमेशा अपना मन पवित्र
रखना चाहिए। और हमेशा प्रभु का नाम जप करते
रहना चाहिए। क्योंकि प्रभु के नाम से ही सब संभव है
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