श्री हित प्रेमानंद महाराज जी का कहना है। कि जब

आप भजन करते हैं तो आपको पूर्ण निष्ठा से भजन

करना चाहिए। ये नहीं करना चाहिए कि माला 

हाथ में और मुँह से प्रभु का नाम जप कर रहें हैं 

और मन में कुछ और चल रहा है। इस तरह की 

भक्ति का कोई लाभ नहीं होगा। इसलिए हमें 

पूर्ण निष्ठा के साथ भक्ति करनी चाहिए। हमें 

अपनी इच्छा को प्रभु की इच्छा में मिला देना चाहिए।

तभी आपको आपकी भक्ति का उचित फल मिलेगा।