कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज जी ने भगवान शिव 

और भगवान कृष्ण को लेकर एक ऐसी बात बोल दी। 

जिससे साधु संतो को गुस्सा आ गया और सभी 

साधु संत अनिरुद्धाचार्य जी पर भड़कने लगे। 

इसके बाद फिर श्री अनिरुद्धाचार्य जी ने सभी

साधु संतो से माफी मांगी और कहा अगर मेरे 

मुँह से कोई गलत शब्द निकल गया हो तो मुझे 

क्षमा कर दें। और मेरा सभी साधु संतो के श्री चरणों में 

नमन है। इसके बाद जाकर ये मामला शांत हुआ।