श्री हित प्रेमानंद महाराज जी का कहना है कि
जब कोई जीव भगवान का आश्रय लेता है तो उस
जीव से सभी गृह और नक्षत्रो का प्रभाव शांत हो
जाता है। अर्थात जब कोई व्यक्ति या जीव भगवान की
शरण में आता है। तो उस जीव का कोई भी बाल बांका
नहीं कर पता है। इसलिए हमें हमेशा भगवान की
शरण में रहना चाहिए। ऐसा करने से हमारे पास
कोई भी दुःख कलेश नही आएगा। क्योंकि भगवान् से
बढ़कर इस ब्रम्हांड में कोई भी नहीं है।
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