श्री हित प्रेमानंद महाराज जी का कहना है कि
मन की अशांति का कारण प्रकृति और भोगों से
अपनापन है। श्री महाराज जी का कहना है कि
आप प्रकृति में मोह रखते हैं और भोग विलास में
मोह रखते है। आप चीजों को अपना समझने
लगते हैं इसलिए उनका खो जाने पर आपको
दुःख होता है। और मन में अशांति होती है।
इसलिए हमें भगवान् का भजन करना चाहिए।
और किसी पर भी अपना हक नहीं जमाना चाहिए।
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