श्री हित प्रेमानंद महाराज जी का कहना है कि जहाँ से
जीव सुखों में मान्यता रखता है। अर्थात जीव सोचता है
कि ये करने से मुझे सुख मिलेगा। असल में दुःख भी
बहीं से उत्पन्न होता है। जहाँ से आप सुख भोगने की
इच्छा रखते है। बहीं से आपको दुःख भी मिलता है।
इसलिए हमेशा धर्म उचित कार्य करना चाहिए
और भगवान का नाम जप करते रहना चाहिए।
भगवान नाम ही है जो आपको हर प्रकार के
दुखों और परेशानियों से निकाल सकता है।
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